त्रिकोणासन

 

त्रिकोणासन


त्रिकोणासन योग विज्ञान का महत्वपूर्ण आसन है। त्रिकोणासन संस्कृत भाषा से लिया गया है। इसका हिंदी में अर्थ है, तीन कोण वाला आसन। इस आसन को करने के दौरान शरीर की मसल्स तीन अलग कोणों में स्ट्रेच हो जाती हैं। इसी वजह से इस आसन को त्रिकोणासन कहा जाता है। 

त्रिकोणासन का निर्माण योग वैज्ञानिकों ने इसी सोच के साथ किया है। ये आसन शरीर को तीन अलग कोणों से एक साथ स्ट्रेचिंग देता है और पूरी शरीर के सामान्य फंक्शन को बेहतर ढंग से चलाने में मदद करता है। 

त्रिकोणासन बिगिनर लेवल का बेहद आसान आसन है। इस आसन को विन्यास शैली का आसन माना जाता है। इसे करने की अवधि 30 सेकेंड बताई गई है। दोहराते हुए इसे हर रोज 3-5 बार एक पैर के साथ किया जा सकता है। त्रिकोणासन के निरंतर अभ्यास से टखने, जांघें और घुटने मजबूत हो जाते हैं। इससे टखने, ग्रोइन, जांघ, कंधे, घुटने, हिप्स, पिडलियों, हैमस्ट्रिंग, थोरैक्स और पसलियों पर खिंचाव पड़ता है। 

इसके अलावा, भारतीय वैदिक साहित्य में 3 की संख्या को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। भारत में दुनिया को चलाने वाले तीन प्रमुख देवताओं यानी कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश की मान्यता है। वहीं संसार का विनाश भी शिव के तीसरे नेत्र से ही होने की बात कही गई है। 

इसके अलावा विश्व की अन्य प्राचीन सभ्यताओं जैसे, मिस्र में भी तीन की संख्या को महत्वपूर्ण माना गया है। यही कारण है कि दुनियाभर के लिए रिसर्च और उत्सुकता का केंद्र बने गीजा के पिरामिड की भी संख्या तीन है। ये पिरामिड भी आकाश में स्थित ओरायन तारामंडल के तीन ग्रहों की बिल्कुल सीध में हैं।

विधि

1.     योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। 

2.     दोनों पैरों के बीच में 3.5 से लेकर 4 फीट तक गैप कर लें। 

3.     दाहिना पैर 90 डिग्री पर बाहर की ओर हो और बाएं पैर को 15 डिग्री पर रखे। 

4.     अपनी दाहिने एड़ी के केंद्र बिंदु को बाएं पैर के आर्च के केंद्र की सीध में रखें। 

5.     ध्यान रहे कि आपका पैर जमीन को दबा रहा हो। 

6.     शरीर का वजन दोनों पैरों पर एकसमान रूप से पड़ रहा हो। 

7.     गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ते जाएं। 

8.     सांस छोड़ते हुए शरीर को हिप्स के नीचे से दाहिनी तरफ मोड़ें। 

9.     शरीर को मोड़ते समय कमर एकदम सीधी रहेगी। 

10.                        बाएं हाथ को ऊपर उठाएं और दाहिने हाथ से जमीन को स्पर्श करें। 

11.                        दोनों हाथ मिलकर एक सीधी लाइन बनाएंगे। 

12.                        दाहिने हाथ को पिंडली, टखने या जमीन पर टिके दाहिने पैर पर रखें। 

13.                        हाथ चाहें जहां रहे, लेकिन कमर की साइड नहीं बिगड़नी चाहिए। 

14.                        बायां हाथ कंधे के ऊपर छत की तरफ खिंचा रहेगा।

15.                        सिर को सामान्य स्थिति में बनाए रखें या फिर बायीं तरफ मोड़कर रखें। 

16.                        आदर्श स्थिति में आपकी दृष्टि बायीं हथेली पर जमी रहेगी। 

17.                        शरीर बगल की तरफ झुका रहे, न तो आगे और न ही पीछे की ओर। 

18.                        आपका सीना और पेल्विस चौड़ा और खुला रहना चाहिए। 

19.                        जितना हो सके स्ट्रेच करें और शरीर को स्थिर बनाए रखने पर फोकस करें। 

20.                        लंबी और गहरी सांसें लेते रहें। 

21.                        सांस छोड़ने के साथ ही शरीर को ज्यादा रिलेक्स महसूस करें। 

22.                        गहरी सांस भीतर खींचते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। 

23.                        हाथों को साइड्स में ​गिराएं और पैरों को सीधा करें। 

24.                        अब इसी प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ भी दोहराएं।

त्रिकोणासन करने का सही तरीका

  1. शुरुआत में, अपने पैर की एड़ी को जमीन पर जमाए रख सकते हैं या फिर कमर को दीवार से सटाकर खुद को स्थिर बनाए रख सकते हैं।
  2. आसन के दौरान, ख्याल रखें कि आपकी कमर पूरी तरह से सीधी बनी रहे। 
  3. शरीर को मोड़ने के दौरान, हिप्स को साथ में नहीं मोड़ना है।
  4. एकाग्रता बढ़ाने के लिए त्रिकोणासन से पहले कुछ लंबी सांसें ले सकते हैं। 
  5. एकटक निगाह बनाए रखकर आप संतुलन और स्थिरता रख सकते हैं। 

 

त्रिकोणासन करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें

  • त्रिकोणासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाना चाहिए। लेकिन अगर आप शाम के वक्त ये आसन कर रहे हैं तो जरूरी है कि आपने भोजन कम से कम 4 से 6 घंटे पहले कर लिया हो।
  • ये भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि आसन करने से पहले आपने शौच कर लिया हो और पेट एकदम खाली हो।


त्रिकोणासन करने के फायदे

इस आसन को करने के बाद आपको अहसास होता है कि आपकी टांगों में कितनी क्षमता बची है। टांगें शरीर का बहुत जरूरी और शक्तिशाली अंग है। जब आप ये महसूस करने लगते हैं कि आपकी टांगों और शरीर के निचले हिस्से में ज्यादा शक्ति नहीं बची है, त्रिकोणासन आपका खोया विश्वास लौटा सकता है और आपके शरीर के निचले हिस्से में वाकई कमाल करता है।

त्रिकोणासन आपके शरीर को स्थिर रहते हुए भी विस्तार, स्थिरता और समानता हासिल करना सिखाता है। इन तीनों शारीरिक गुणों को हठ योग के मूल सिद्धांतों में शामिल किया जाता है।

बहुत से अन्य आसनों की तरह ही, ये आसन भी, कई चीजों का मिश्रण है। ये आपकी टांगों में ताकत और स्थिरता का विकास करता है और टोरसो को फैलाता है। जब आपके हाथ और पैरों में ज्यादा स्ट्रेचिंग होती है तो ये शरीर में समानता का विकास भी करता है।

जब आप पैर, हाथ और टोरसो को बैलेंस करते हैं तो, आपका दिमाग सम और स्थिर हो जाता है। जब दिमाग शरीर में अपनी क्षमताओं का विस्तार करता है तब शरीर की भीतरी चेतना भी इसी के साथ सक्रिय हो उठती है। यह वो अनुभव है जिसे सिर्फ सच्चा योगी ही अनुभव कर सकता है। इसी के साथ शरीर और आत्मा का संगम प्रारंभ हो जाता है।

इसके अलावा भी त्रिकोणासन का अभ्यास करने के ढेरों फायदे हैं। जैसे

1.     ये घुटनों, टखने, पैरों, सीने और हाथों को मजबूत बनाता है। 

2.     ये आसन ग्रोइन, हिप्स, हैमस्ट्रिंग, पिंडली, सीने, स्पाइन और कंधों को स्ट्रेच देता है।

3.     ये शारीरिक और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में मदद करता है। 

4.     ये पाचन सुधारता है और पेट के निचले अंगों को उत्तेजित करता है। 

5.     ये कमर और साइटिका के दर्द को कम करने में भी मदद करता है। 

6.     त्रिकोणासन फ्लैट फिट, ऑस्टियोपोरोसिस, गर्दन के दर्द और नपुंसकता को दूर करता है। 

7.     ये स्ट्रेस को कम करता है और एंग्जाइटी को ठीक करता है।


सावधानीयां

आपको निम्नलिखित समस्याएं हैं तो त्रिकोणासन का अभ्यास करने से बचें।

1.     अगर आपको गर्दन में समस्या है तो, ऊपर देखने की बजाय सामने की तरफ देखें। 

2.     हाई ब्लड प्रेशर के मरीज भी आसन करते हुए नीचे की तरफ देखें। 

3.     दिल के मरीज हिप्स पर टॉप आर्म रखकर दीवार के सहारे से इस आसन को करें। 

4.     लो ब्लड प्रेशर, डायरिया और सिरदर्द की समस्या होने पर इस आसन को न करें। 

5.     शुरुआत में त्रिकोणासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें। 

6.     संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं। 

7.     त्रिकोणासन का अभ्यास शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

त्रिकोणासन करने से पहले ये आसन करें।

1.     ताड़ासन

2.     वृक्षासन

त्रिकोणासन करने के बाद ये आसन करें।

1.     खड़े रहकर किए जाने वाले आसन 

2.     प​श्चिमोत्तानासन

3.     शरीर मोड़कर किए जाने वाले आसन

निष्कर्ष (Conclusion)

त्रिकोणासन, योग विज्ञान का बहुत अच्छा आसन है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है। त्रिकोणासन न सिर्फ मेटाबॉलिज्म को एक्टिवेट करता है बल्कि आपके दिमाग को स्थिर रखने में भी मदद करता है। और आज की दुनिया में बैलेंस बनाकर रखना ही सबसे जरूरी चीज है। त्रिकोणासन बैलेंस बनाने से जुड़ी इसी खूबी को आपके शरीर में विकसित करने में मदद करता है।

त्रिकोणासन का अभ्यास करने के लिए आपके पैर और क्वा​ड्रीसेप्स इतने मजबूत होने चाहिए कि पूरे शरीर का वजन उठा सकें। लेकिन सबसे पहले आपको अपने मन के डर पर जीत हासिल करनी होगी कि कहीं आप अभ्यास करते हुए गिर न पड़ें।

अगर गिर भी जाएं तो गहरी सांस लें और कोशिश के लिए अपनी तारीफ करें और दोबारा अभ्यास करें। शुरुआती दौर में इस आसन को करने के लिए किसी योग्य योग शिक्षक से मार्गदर्शन जरूर लें।

 

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