वीरभद्रासन-3

वीरभद्रासन-3



वीरभद्रासन-3 (Virabhadrasana-3) को अंग्रेजी भाषा में इसे वॉरियर पोज-3 (Warrior Pose 3) कहा जाता है। वीरभद्रासन-3 का अभ्यास करने की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जो अपने शरीर में ताकत, चुस्ती और संतुलन को पाना चाहते हैं। ये आसन शरीर को मजबूत बनाने के साथ ही फिटनेस का बेस भी तैयार करता है।

इसीलिए इस आर्टिकल में मैं वीरभद्रासन-3 क्या है, वीरभद्रासन-3 करने के फायदे, करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में जानकारी दूंगा।

क्या है वीरभद्रासन-3?

हिंदू धार्मिक कथा के अनुसार, प्र​जापति दक्ष ने अपनी बेटी सती का विवाह भगवान शिव से किया था। बाद में कई कारणों से दक्ष शिव से नाराज हो गए। दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया लेकिन उसमें शिव को निमंत्रण नहीं दिया।

पति के इस अपमान से नाराज होकर सती ने पिता के यज्ञ कुंड में ही कूदकर खुद को भस्म कर लिया। सती के आत्मदाह की सूचना पाकर भगवान शिव यज्ञ भूमि पर आए और सती का शव देखकर क्रोधित हो उठे। उन्होंने अपनी जटा उखाड़कर भूमि पर फेंक दी।

जटा से धरती को फाड़कर एक महापराक्रमी और भयानक योद्धा वीरभद्र का जन्म हुआ। वीरभद्र शब्द संस्कृ​त के दो शब्दों से मिलकर बना है। पहले शब्द 'वीर' का अर्थ बहादुर (Hero) जबकि दूसरे शब्द भद्र का अर्थ मित्र या दोस्त होता है।

शिव ने वीरभद्र को दक्ष और उनके यज्ञ के विनाश की आज्ञा दी। वीरभद्र ने न सिर्फ यज्ञ को नष्ट कर दिया बल्कि दक्ष का सिर भी काट लिया। बाद में शिव ने प्रसन्न होकर वीरभद्र को अपना गण और कैलाश का द्वारपाल बना दिया।

हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, वीरभद्रासन को वीरभद्र पर आधारित माना जाता है इस बात का समर्थन तिब्बत और नेपाल की मिथक कथाओं में भी मिलता है। वीरभद्रासन की मुद्रा वाली मूर्तियों को हिमालय की तराई के गावों में लोकदेवता मानकर पुजा भी जाता है।

योग विज्ञान के ऋषियों ने वीरभद्र के ऊपर कुल तीन आसनों का निर्माण किया है।

  1. वीरभद्रासन-1 (आसन, जिसमें वह धरती से प्रकट हुए थे)
  2. वीरभद्रासन-2 (आसन, जिसमें उन्होंने दक्ष को देखा था)
  3. वीरभद्रासन-3 (आसन, जिसमें उन्होंने दक्ष के सिर को ​काटा था)

योग विज्ञान में वीरभद्रासन को योद्धाओं का आसन कहा जाता है। इस आसन को पावर योग (Power Yoga) का आधार माना जाता है।

वीरभद्रासन-3 को इंटरमीडिएट या मध्यम लेवल का आसान आसन माना जाता है। इसे ​विन्यास शैली में किया जाता है। इसे एक टांग पर 30 सेकेंड तक करने की सलाह दी जाती है। इसका दोहराव सिर्फ एक बार ही किया जाता है।

वीरभद्रासन-3 के अभ्यास से शरीर के निम्नलिखित भाग मजबूत होते हैं।

  • मिडिल बैक
  • एब्स
  • हैमस्ट्रिंग
  • चेस्ट
  • हिप्स
  • क्वाड्रिसेप्स

जबकि, वीरभद्रासन-3 के अभ्यास से

  • टखना
  • नाभि
  • ग्रोइन
  • जांघें
  • कंधे
  • फेफड़े
  • पिंडली
  • गले की मांसपेशियां
  • गर्दन 

पर खिंचाव आता है।

वीरभद्रासन-3 करने का सही तरीका

  • वीरभद्रासन-3 करने के लिए धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं। 
  • असुविधा होने पर इस आसन का अभ्यास न करें। 
  • कभी भी कंधे या घुटनों पर दबाव न डालें। 
  • आसन से पहले वॉर्मअप करें ताकि कोर मसल्स एक्टिव हो जाएं।
  • किसी भी असुविधा या दर्द महसूस होने पर आसन का अभ्यास बंद कर दें।
  • पहली बार ये आसन कर रहे हैं तो किसी योग गुरु की देखरेख में करें।

वीरभद्रासन-3 करने की विधि

  1. योग मैट या  कंबल पर सीधे खड़े हो जाएं। 
  2. गहरी सांस खींचें और दोनों टांगों के बीच 4-5 फीट का अंतर कर लें।  
  3. सांस छोड़ते हुए दाएं पैर के पंजे को दायीं तरफ 90 डिग्री के अंतर पर मोड़ें। 
  4. बाएं पैर को भी दायीं ओर 45-60 के कोण पर मोड़िए।  
  5. दाएं घुटने को तब तक मोड़िए जब तक फर्श के समानांतर न आ जाएं। 
  6. ये पिंडली की सीध में होना चाहिए।  
  7. घुटना आपकी एड़ी के ठीक ऊपर सीध में आना चाहिए। 
  8. ये ए़ड़ी से आगे बिल्कुल नहीं निकलना चाहिए।
  9. सांस छोड़ते हुए धड़ को मोड़ना शुरू करें। 
  10. धड़ मोड़ते हुए सीने को जांघों के ऊपर लाकर टिका दें। 
  11. हाथों को सीधा रखते हुए दोनों हाथों को पास लाकर हथेलियों को मिलाएं। 
  12. हाथों को सीधा रखते हुए दो सांसें लेने तक रुके रहें। 
  13. इसके बाद शरीर का पूरा भार दाएं पैर पर शिफ्ट कर दें। 
  14. अब धीरे-धीरे बाएं पैर को हवा में पीछे की तरफ उठाएं। 
  15. बाएं पैर का घुटना नीचे की तरफ ही रहेगा। 
  16. निगाह सामने या नीचे की तरफ रखें।  
  17. दायीं टांग को छोड़कर पूरा शरीर फर्श के समानांतर रहेगा। 
  18. एक बार संतुलन बनने के बाद हाथों को आगे की तरफ खींचें। 
  19. इसके साथ ही पैर को भी पीछे की तरफ खींचें। 
  20. इस आसन को 5 सेकेंड से लेकर 30 सेकेंड तक कर सकते हैं। 
  21. गहरी सांसें लेते रहें वरना चक्कर आ सकते हैं। 
  22. सांस छोड़ते हुए पहले बाएं पैर को फर्श की तरफ लाएं। 
  23. अब यही प्रक्रिया दूसरी टांग से भी करें।

वीरभद्रासन-3 करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें

  • वीरभद्रासन-3 का अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाना चाहिए।
  • अगर शाम को आसन कर रहे हैं तो, भोजन 4 से 6 घंटे पहले करना जरूरी है।
  • आसन से पहले आपने शौच कर लिया हो और पेट एकदम खाली हो।

वीरभद्रासन-3 करने के फायदे

सभी योगासनों को करने से शरीर और मन को कुछ फायदे मिलते हैं। खासतौर पर, अगर उन्हें सांसों की गति और शरीर के सही तालमेल के साथ किया जाए। वीरभद्रासन-3 के साथ भी ऐसा ही है। ये शरीर और मन को हील करके उन्हें मजबूत बनाता है। 

वीरभद्रासन-3 से होने वाले शारीरिक फायदे

  1. ये टांगों की मसल्स को मजबूत करता है और उन्हें सही आकार देता है। 
  2. ये हाथों, हिप्स और कंधों को अच्छी शेप देकर उन्हें मजबूत बनाता है। 
  3. ये चेस्ट को सही शेप देता है। 
  4. ये कंधों को सीधा और मजबूत रखने में मदद करता है।
  5. खड़े होने की पोजिशन और पोश्चर सुधारता है।
  6. शरीर के संतुलन को एड़ी से पंजे पर शिफ्ट करता है।

वीरभद्रासन-3 से सेहत को होने वाले फायदे

  1. पेट के भीतरी अंगों को सिकोड़कर उन्हें टोन करता है। 
  2. एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। 
  3. पेट की मसल्स को टोन करके सिक्स पैक एब्स बनाने में मदद करता है।
  4. पाचन शक्ति को सुधारता है।
  5. सोचने-समझने की शक्ति बढ़ाता है। 
  6. मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाता है।

वीरभद्रासन-3 करने में क्या सावधानी बरती जाए

  1. हाई ब्लड प्रेशर के मरीज वीरभद्रासन-3 का अभ्यास न करें। 
  2. डायरिया की शिकायत होने पर कभी भी ये आसन नहीं करना चाहिए।
  3. घुटनों में समस्या या आर्थराइटिस होने पर वीरभद्रासन-3 नहीं करना चाहिए। 
  4. अगर गर्दन में दर्द की समस्या है तो आसन करते समय गर्दन न मोड़ें। सामने देखें। 
  5. शुरुआत में वीरभद्रासन-3 को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें। 
  6. संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं। 
  7. वीरभद्रासन-3 का अभ्यास शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

वीरभद्रासन-3 करने से पहले ये आसन करें

  1. अर्ध चंद्रासन
  2. प्रसारित पादोत्तानासन
  3. सुप्त पादांगुष्ठासन
  4. सुप्त वीरासन
  5. ऊर्ध्व प्रसारित पादासन
  6. उत्कटासन
  7. उत्तानासन
  8. वीरभद्रासन -2
  9. वीरभद्रासन -1
  10. वीरासन
  11. वृक्षासन

 

 

No comments:

Post a Comment

योगिक आहार

  योगिक आहार                  हम सभी जानते हैं की भोजन हमारी ज़िंदगी में क्या महत्व रखती हैं। अगर हमे सही वक़्त पर खाना न मिले तो हम कमजोर हो ...