Yoga for Stress Management

Yoga For Stress Management (तनाव मुक्ति के लिए योगाभ्यास)


 

वर्ष 2020 में हमारी ज़िंदगी कोरोना के इर्ध-गीर्ध ही घूम रही है। कभी लॉकडाऊन तो कभी अनलॉक, कभी कोरोना का खतरा तो कभी नौकरी और व्यापार की चिंता। इनहि सारे कश्मोकश में हमारा मन - मस्तिस्क कई तरह के तनाव से ग्रसित होता जा रहा है जिसके कारण कई शारीरिक परेशानियाँ भी बढ़ती जा रही हैं। आज हम अपने जीवन को योग के माध्यम से तनावमुक्त करने का सफल तरीकों से रूबरू होंगे।  

चिंता या तनाव के कुछ मुख्य लक्षण :

असामान्य रूप से घबराहट, भय एवं बेचैनी महसूस करना

किसी भी सदमे के पश्चात उससे जुड़े हुए अनियंत्रित एवं आसक्त विचार आते रहना

अक्सर बुरे सपनों की वजह से जाग जाना।

बार-बार हाथ धोने की प्रवृति होती है।

नींद न आने की समस्या

हाथ-पैर असामान्य रूप से पसीने से तर होना

दिल की धड़कन बार बार बढ़ जाना

 

क्या आप ऊपर लिखे लक्षणों को अगर अपने अंदर किसी भी समय महसूस कर रहे हैं तो आपको भी स्ट्रैस यानि तनाव है। ऐसे लक्षण होने पर पाने घर के लोगों से, दोस्तों से या अपने किसी अच्छे जानकार डॉक्टर से बात कीजिये। स्ट्रैस के कई और कारण भी हो सकते हैं जो की आपको डॉक्टर से सलाह लेने पर पता चल सकता है जैसे की - उत्तेजना विकार (पैनिक डिसऑर्डर), आसक्त बाध्यकारी विकार (ओब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर), सदमे से तनाव का विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर), सामजिक तनाव विकार (सोशल एंगज़ाएटी डिसऑर्डर) अथवा सामान्य चिंता (जेनरलाइज़ड एंगज़ाएटी)।

अब हम योग के माध्यम से तनाव को मुक्त करने के कुछ अभ्यास जानेंगे।

नियमित योगाभ्याशांत एवं निश्चिंत रहने में मदद करता है।समस्याओं का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।योगाभ्यास आदर्श रूप से योगासन, प्राणायाम(Pranayama), ध्यान एवं प्राचीन योग विज्ञान का संपूर्ण समन्वय है। योग से कई चिंता ग्रसित व्यक्तियों को पुनः स्वस्थ करने के साथ साथ जीवन को फिर से सकारात्मक रूप से जीने की क्षमता प्रदान की जा चुकी है

पहले हम कुछ आसनो के बारे मे संक्षिप्त रूप से जानेंगे फिर प्राणायाम, ध्यान लगाना और कई और तरीको को भी समझेंगे:

आसन:

धनुरासन

मत्स्यासन

सेतुबंधासन

मार्जारी आसन

पश्चिमोत्तानासन

हस्तपादासन

अधोमुखासन

शीर्षासन

शवासन

ऊपर दिये गए आसन करने से आपके शरीर मे स्थिरता उत्पन्न होगी जिससे आपका तनाव कम होगा। ध्यान रहे की आसनो को करने के बाद शवासन या योगनिद्रा करना अति आवश्यक है। योगासन करने से शरीर मे जहां भी खिंचाव उत्पन्न होता है उसे योगनिद्रा के सहारे शिथिल किया जाता है।

अब हम कुछ प्राणायाम के बारे मे जानेंगे:

कपाल्भांती प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम

नाड़ीशोधन प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम

ऊपर लिखे प्राणायाम को करने से आप अपने स्वांस प्रसवास की प्रक्रिया करने से व्यर्थ के विचारों से मुक्ति मिलती है जो तनाव के मूल कारण होते हैं।

ध्यान:

विचलित मन को शांत करने के लिए ध्यान की विधि सर्वश्रेष्ठ है। मन में शांति की अनुभूति होती है; और निरंतर अभ्यास करने से यह अहसास कर पाते हैं कि किस प्रकार मन हमें छोटी-छोटी तुच्छ चीज़ों में उलझा कर रखता है। ध्यान हमें भविष्य के बारे में अत्यधिक चिंता करने एवं बेचैन होने से भी बचाता है।

इनके अलावा और भी कुछ विकल्प हैं जिनसे तनाव को मुक्त किया जा सकता है। जैसे बच्चों के साथ खेलने से और उनकी हँसी सुनने से तनाव कम होता है। घर मे पालतू पक्षी या जानवर रखने उनके साथ खेलने और उनकी देखभाल करने से तनाव कम होता है। घर मे अक्वैरिअम के सामने बैठ कर मछलियोंको देखने से तनाव कम होता है। संगीत सुनने और वाद्य यंत्र बजने से भी तनाव कम किया जा सकता है। घर के बड़े और बूढ़े लोगों की सेवा करने से । अच्छी संगति रखना चाहिए इससे आपको व्यर्थ के और नाकारात्मक विचार नहीं आते।

उम्मीद करता हूँ मेरी दी गयी जानकारी से आप अपने तनाव को कम कर पाएंगे।

खुश रहिए , प्रतिदिन योग करिए, अच्छा और समय पर खाइये, समय पर सोएँ और जागें और अपने जीवन शैली को अच्छा कीजिये।

 

अगला टॉपिक : कपाल भांति प्राणायाम और भस्त्रिका प्राणायाम में अंतर और करने की सही विधि।

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