Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार



सूर्य नमस्कार 12 अद्भुत प्रभाव वाले और शक्तिशाली आसनो का समूह है। सूर्य नमस्कार से शरीर के सारे अंगो की मालिश होती है और साथ ही यह हमारे मन और शरीर दोनों को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। 

सूर्य नमस्कार को अगर सुबह-सुबह खाली पेट किया जाये तो बहुत ही फायदेमंद होता है। सूर्य नमस्कार के एक चक्र मे 12 आसनों के समूह का 2 चक्र होता है। आपको इंटरनेट पे या कई योग संस्थानों मे अलग-अलग पद्धतियों वाले सूर्य नमस्कार के अभ्यास मिलेंगे। आप किसी भी एक पद्धति का चयन करके उसी को प्रतिदिन अभ्यास कीजिये। 

अच्छे स्वास्थ्य के साथ साथ सूर्य नमस्कार करने से भगवान सूर्य जो इस पृथ्वी को अपनी असीम ऊर्जा से प्राण ऊर्जा का संचार कर रहे हैं उनका आदरपुरवाक आभार व्यक्त होता है।

प्रतिदिन 12 चक्र सूर्य नमस्कार करने के बाद योगनिद्रा से अपने शरीर को शांत (relax) करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने शरीर और मन मे सुख और शांति का अनुभव करेंगे।

Step 1. प्रणामासन (Prayer pose)


अपने कंबल या mat के अग्र भाग पर खड़े हो जाएँ, दोनों पैर एक दूसरे से सटे हुए, दोनों पैरों पर बराबर वज़न देते हुए खड़े रहें। कंधों को ढीला छोरते हुए सीने को फैला लेंगे। स्वास लेते हुए दोनों हाथों को बगल से उठाएंगे, स्वास छोरते हुए दोनों हाथों को अपने सीने के सामने लाते हुए प्रणाम की मुद्रा बनाएँगे। प्रणाम की मुद्रा बनाने के बाद स्वास की गति सामान्य रहेगी। ध्यान भ्रूमध्य में। मंत्र : ॐ मित्राय नमः

 

 

 

Step 2. हस्तउत्तान आसन  (Raised arms pose)


Breathing in, lift the arms up and back, keeping the biceps close to the ears. In this pose, the effort is to stretch the whole body up from the heels to the tips of the fingers.

स्वास लेते हुए दोनों हाथों को सामने से उठाना है, दोनों बांहे कान से सटी रहेंगी। इस अभ्यास में अपने पूरे शरीर को खींचना है और पीठ से ऊपर वाले भाग को जितना संभव हो पीछे की ओर ले जाना है। इस अभ्यस्स को और ज्यादा गहरा करने के लिए अपने नितंब की मांसपेशियों को संकुचित करते हुए हल्का आगे   बढ़ाना है और महसूस करना है की आप अपने पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींच रहे हैं न की पीछे जा रहे।

मंत्र : ॐ रवये नमः

Step 3. पाद्हस्थासन (Standing forward bend)


स्वास छोड़ते हुए कमर से ऊपर वाले भाग को सामने लाते हुए झुकेंगे। ध्यान रहे आपकी रीढ़ की हड्डी, पीठ आर घुटने सीधे रहेंगे। स्वास पूरा बाहर निकालजाने के बाद दोनों हाथ ज़मीन पर रखेंगे दोनों पैरो के बगल मे।

इस अभ्यास को और अछे से करने के लिए घुटनो को थोड़ा मोड़ेंगे और अपने हथेली को ज़मीन पर अछि तरह से बिठाएंगे फिर धीरे से घुटनो को वापस सीधा करने का प्रयास करेंगे। एक बार ज़मीन पे हथेली रखने के बाद sequence खत्म होने तक नहीं हिलाएँगे।

मंत्र : ॐ सूर्याय नमः

Step 4. अश्वसंचालन आसन (Equestrian pose)


स्वास लेते हुए अपने दाहिने पैर को जितना हो सके पीछे ले जाएंगे । दाहिने घुटने को ज़मीन से सटाएंगे और ऊपर की ओर देखेंगे। ध्यान देंगे आपका बायां पैर दोनों हाथों के बीच हो।

मंत्र : ॐ भानवे नमः

Step 5. पर्वतासन (mountain Pose)


As you breathe in, take the left leg back and bring the whole body in a straight line.

स्वास छोड़ते हुए अपने बाएँ पैर को पीछे लाकर दाहिने पैर से मिला लेंगे और दोनों घुटने सीधे रहेंगे साथ ही हमें अपनी दृष्टि को नाभि पे ले जाएंगे और पैर से लेकर जांघों मे हो रहे खिंचाव को महसूस करेंगे। आपके शरीर की पर्वतनुमा आकृति बनेगी।

मंत्र : ॐ खगाय नमः

Step 6. अष्टांग नमस्कार  (Salute with eight parts or points)


दोनों घुटनों को ज़मीन पे रखेंगे फिर छाती और फिर टुद्धि रखेंगे। स्वास पूरा बाहर छोड़ देंगे। अपने नितंब को थोड़ा ऊपर उठा के रक्खेंगे। दोनों हथेली, दोनों घुटने, छाती और टुद्धि ही ज़मीन से सटी रहेगी।

मंत्र : ॐ पुष्णे नमः

Step 7. Bhujangasana (Cobra pose)


Slide forward and raise the chest up into the Cobra pose. You may keep your elbows bent in this pose with the shoulders away from the ears. Look up at the ceiling.

शरीर को आगे बढ़ाते हुए कमर से ऊपर वाले भाग को ऊपर उठाते हुए भुजंग आसन की स्थिति बनाएँगे। दोनों कंधे कान से अलग रहेंगे और छाती बाहर की ओर फैला के रखना है। दृष्टि को ऊपर की ओर रहेंगी।

मंत्र : ॐ हिरण्य गर्भाय नमः

Step 8पर्वतासन (mountain Pose)

Breathing out, lift the hips and the tailbone up to bring the body into an inverted ‘V’ pose.

स्वास छोड़ते हुए अपने नितंब को ऊपर उठाएंगे और वापस पर्वत आसन की स्थिति बनाएँगे।  

मंत्र : ॐ मरीचाए नमः

 

 

 

 

Step 9. अश्वसंचालन आसन  (Equestrian pose)


स्वास लेते हुए अपने दाहिने पैर को दोनों हाथों के बीच लाते हुए बाएँ घुटने को ज़मीन से सटाएंगे और नितंब को आगे की ओर लाते हुए ऊपर की ओर देखेंगे ।

मंत्र : ॐ आदित्याय नमः

Step 10. पाद्हस्थासन (Standing forward bend)


Breathing out, bring the left foot forward. Keep the palms on the floor. You may bend the knees, if necessary.

बाएँ पैर को आगे ला कर दाहिने पैर से मिलाएंगे दोनों हथेली पैरों के बगल मे रक्खेंगे।

मंत्र : ॐ सवित्रे नमः

Step 11. हस्थउत्तान आसन (Raised arms pose)


Breathing in, roll the spine up. Raise the hands up and bend backward a little bit, pushing the hips slightly outward.

स्वास लेते हुए दोनों हाथों और कमर को ऊपर उठाते हुए हस्थउत्तान आसन की स्थिति मे आएंगे और अपने पूरे शरीर को खींचते हुए पीछे की ओर झुकेंगे।

मंत्र : ॐ अरकाय नमः

Step 12. प्रणामासन (Prayer pose)


स्वास छोड़ते हुए दोनों हाथों को नीचे लाते हुए प्रणाम की मुद्रा मे आएंगे और फिर स्वास को सामान्य करेंगे।

मंत्र : ॐ भासकराय नमः

यह सूर्य नमस्कार का आधा चक्र था। चक्र को पूरा करने के लिए फिर स्थिति एक से शुरू करेंगे और जब चौथे स्थिति मे जाएंगे तब दाहिने की जगह बायाँ पैर पीछे ले जाएंगे और स्थिति 10 मे भी दाहिने की जगह बायाँ पैर आगे लाएँगे।

 

सूर्य नमस्कार के अतुलनीय लाभ :

  • हृदय स्वस्थ्य को ठीक रखता है।
  • तंत्रिका तंत्र को प्रोत्साहित कर के सुदृढ़ बनाता है।
  • मांसपेशियों की टोनिंग करता है, लचीला बनाता है और मजबूत बनाता है।
  • वज़न कम करने का सबसे बेहतरीन आसन समूह है।
  • प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है।
  • संज्ञानात्मक क्रिया को बढ़ता है।  

किनको सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए:

·         3 महीने से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए सूर्य नमस्कार।

·         हर्निया के मरीज़ तथा जिनको उच्च रक्तचाप की शिकायत हो।

·         रीढ़ की शिकायत वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही सूर्य नमस्कार करना चाहिए।

·         महवारी के दौरान महिलाओं को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए



 

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