तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया गया है. प्राचीन काल से तुलसी की पूजा की जा रही है। कई ग्रंथों में इसके औषधीय गुणों के कारण इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। अधिकांश हिंदू घरों में तुलसी का पौधा होता है। इसका अगर साइंटिफिक तरीकों पर विचार करें तो तुलसी रात के समय ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है। लेकिन बाकी पौधे ऐसा नहीं करते हैं। आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया गया है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं।
चोट लगने पर तुलसी इस्तेमाल
यदि कहीं चोट लग जाती है तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव तुरंत ठीक हो जाता है। तुलसी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व घाव को पकने नहीं देता है। इसके पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है।
अनियमित पीरियड्स को दूर करने में है मददगार
यदि महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत है तो तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन करने से मासिक चक्र की अनियमितता भी दूर होती है।
दस्त की समस्या से मिलता है छुटकारा
यदि आप दस्त की समस्या से बहुत परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का सेवन लाभकारी होता है। इसके पत्ते को जीरे के साथ मिलाकर पीस लिया जाता है और उसे दिन में 3 से 4 बार चाटना होता है। ऐसा करने से दस्त रुक जाती है।
बढ़ाता है चेहरे की चमक
तुलसी स्कीन संबंधी बीमारियों के लिए फायदेमंद है। इसका इस्तेमाल करने से चेहरे पर कील-मुहांसे खत्म हो जाते हैं और चेहरा क्लीन हो जाता है।
सांस की दुर्गंध को करता है दूर
तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल करने से सांस की दुर्गंध को दूर करने में काफी हद तक फायदेमंद होते हैं। प्रकीर्तिक होने के कारण इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है। यदि आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें। इससे दुर्गंध चली जाती है।
यौन रोगों की समस्या को करता है दूर
तुलसी के बीज का इस्तेमाल पुरुषों में होने वाली शारीरिक कमजोरी के लिए बेहद फायदेमंद है। इसका नियमित सेवन करने से यौन-दुर्बलता और नपुंसकता को दूर करने में काफी हद तक मददगार होता है।
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